आशाओं का सूरज ग़मों की भीड़ में खड़ा मुस्कुरा रहा हूँ मैं। नये-नये ख़्वाब कई, फिर से सजा रहा हूँ मैं। यादों के कृष्ण-मेघ भागे जा रहे हैं गगन से, आशाओं का सूरज फिर से देख पा रहा हूँ मैं।। #positivity #positivethought #hope