रेत की मानिंद हाथ से फिसलते हो तुम। लाख मिन्नत के बाद भी कब मिलते हो तुम। पहले चीर देते हो दिल आंखों के नश्तर से । फिर लफ्जों के धागे से ज़ख्म सिलते हो तुम ©Mohd Shuaib Malik~सनम #snam #Connection