सेना में सिपाही की योग्यता के अनुसार कमाण्डर उसे कोई एक काम सौंप देता है। योग्यता बढ़ा लेने पर कमाण्डर क्रमशः उसे उच्च पद देता चला जाता है किंतु सिपाही की स्थिति में रहते हुये सेनानायक के पद की आकाँक्षा करने से न तो वह सिपाही के कर्त्तव्यों का भली-भाँति पालन कर सकेगा और न ही सेनानायक का पद ही मिल सकेगा। इससे दुःख तो मिलेगा ही दुष्परिणाम भी उपस्थित हो सकते हैं। दुष्परिणाम