गजल कैसे सहे जाते है लोग। जो जरा जरासी बात पर बवाल मचाते हैं लोग। बस्तीयों के जलने पर भी कैसे सहे जाते है लोग कोई और लुटे, तो लुटेरा कहे के बुलाते हैं, अब अपने ही लुट रहे, तो कैसे सहे जाते है लोग। गर सनम तोडे वादा, तो उसे बेवफा कहा जाता है, सरेआम वादा तोडे नेता, तो कैसे सहे जाते है लोग। कवीराज कैसे सहे जाते है लोग।