एक वो शाम थी मेरी.. तेरे सहारे.., मिले थे जब हम.. झील के किनारे.. तेज़ बह रहीं थीं हवाएं... और करती थी... तूफान को इशारे..। फिर इक हुआ.. ये दोस्ती का रास्ता.. चन्द लम्हों में गहरा हुआ... तुझसे मेरा वास्ता.., लो कर दिया इस मंज़र को... अलफाजों में बयां.. ये तेरी मेरी कहानी.. ये दो दिलों की दास्तां..।। #An_Evening_in_the_City_of_Lakes