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जब भी मैं, किसी की शहादत से परिचित होता हूँ। क्या

जब भी मैं,
किसी की शहादत से परिचित होता हूँ।
क्या बताऊँ?
तब मैं बिना आँसू टपकाये, दिल से
फूट-फूट कर रोता हूँ।

तब मैं सोचता हूँ कि,
कब तक यूँ ही कोई-न-कोई शहीद होता रहेगा।
कब तक हमारी माता-बहनों का सुहाग उजड़ेगा।
कब तक यूँ ही कोई भाई को, तो कोई बेटे को खोएगा।
कब तक यूँ ही बेटा, अपने पिता के इंतजार में रोएगा।
कब तक?
न जाने, कब तक?

©Shashwat #homage_for_martyrs
#respect_soilders
#India
जब भी मैं,
किसी की शहादत से परिचित होता हूँ।
क्या बताऊँ?
तब मैं बिना आँसू टपकाये, दिल से
फूट-फूट कर रोता हूँ।

तब मैं सोचता हूँ कि,
कब तक यूँ ही कोई-न-कोई शहीद होता रहेगा।
कब तक हमारी माता-बहनों का सुहाग उजड़ेगा।
कब तक यूँ ही कोई भाई को, तो कोई बेटे को खोएगा।
कब तक यूँ ही बेटा, अपने पिता के इंतजार में रोएगा।
कब तक?
न जाने, कब तक?

©Shashwat #homage_for_martyrs
#respect_soilders
#India
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Shashwat

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