तुझसे बिछुड़ा जो सम्हाल पाया नहीं,, हाथों के लकीरों को तेरे साथ मिला क्यों नहीं? सोच-सोच कर यें बाते, ख़ुद को किसी और का बना पाया नहीं!!💔 ©KomalSingh "Koko" #TereHaathMein #किसी aur ka ho paya nhi #hindinojoto thoughts #hindi sad shayri @koko_ki_shayri