~गुलज़ार की तिजोरी~ इस शायर की तिजोरी में कुछ अधूरे ख्व़ाब पड़े हैं कुछ अनकहे लफ्ज़ जो दर्दनाक अतीत से जुड़े हैं अल्फाज़ को तराशने के लिए एक कलम भी है कोने में एक छोटी बोतल स्याही की, इमदाद करती है उसे रोने में इस शायर की तिजोरी में कुछ जर्जर से पन्ने भी हैं जिसमे दफन हैं राज़ कई, उसकी ज़िंदगी के मायने भी हैं है न जाने कितने ही विचारों का एक विशाल ढेर यहाँ पर चुन चुन कर जिनमे से वह सजाता है अपने श़ेरों का घर मानो शब्द उसके कर रहे इस जहाँ का मुआयना हो और समाज का प्रतिबिंब बना रहे, जैसे कोई आईना हो इस शायर की तिजोरी में दोस्त-यार है नहीं कोई ज्यादा कलम-कागज़ का साथ लिए, जीवन बिताने का है इरादा फिर भी यह शायर चलता चला जाता है, झूमते हुए घूंट ग़मो के पीते हुए, ख़ुशीयों का उपहार बाँटते हुए – श्वेता — % & Not just Gulzar, this is what is likely to be found in the chest of every poet living! #yqbaba #yqdidi #inspiration #life #restzone #rzmph310 #anokhisyahi