हमने कभी किसी को इस कदर अपनाया नही था । उसके दिए हर गम को गले से लगाया नही था। वो तो हमारी सनम है ही इतनी प्यारी की पाण्डेय जी की जान बन गई है, वरना पाण्डेय जी ने आजतक किसी से इस तरह इश्क़ निभाया नही था। संजीव पाण्डेय