समुंद्र को नहीं अंदाज़ा खुदकी पहराई का मोह लेती हैं लहरें उसकी गोताखोर के दिल में छुपे भाव जो है दर्द-ए-तन्हाई का तभी डूबता है उसमें सुकून का मोती पाने को यूं ही नहीं कहते कुछ आंखों को भरा हुआ प्याला मैखाने का ©Dr Supreet Singh #Beautiful_Eyes