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खुशियों से भरा मन अचानक, बेकल सा क्यों हो गया, जब

खुशियों से भरा मन अचानक,  बेकल सा क्यों हो गया,
जब देखा गुलाब बेचते हुए, 
एक मासूम से फूल को हाथों में,
दो वक्त की रोटी के लिए ,जो थी मजबूर,
गुम हो गया था उसका खुशियों भरा बचपन,
कहा था उसका सुनहरा सा जीवन?
मन में एक सवालों से होने लगी थी चुभन,
क्या आखिर यही है दुनिया का दस्तूर?
चाहे जो हो मगर क्या है इस फूल से बच्चे का कसूर?
छोड़ो दुनिया की बातें ,तु है क्यों इतना मजबूर?
तू कदम बढ़ा अपना,बदल दो दुनिया का दस्तूर। #khusiyaan #lovenhumanity #Naturallove #Beinghuman #Beingkind
खुशियों से भरा मन अचानक,  बेकल सा क्यों हो गया,
जब देखा गुलाब बेचते हुए, 
एक मासूम से फूल को हाथों में,
दो वक्त की रोटी के लिए ,जो थी मजबूर,
गुम हो गया था उसका खुशियों भरा बचपन,
कहा था उसका सुनहरा सा जीवन?
मन में एक सवालों से होने लगी थी चुभन,
क्या आखिर यही है दुनिया का दस्तूर?
चाहे जो हो मगर क्या है इस फूल से बच्चे का कसूर?
छोड़ो दुनिया की बातें ,तु है क्यों इतना मजबूर?
तू कदम बढ़ा अपना,बदल दो दुनिया का दस्तूर। #khusiyaan #lovenhumanity #Naturallove #Beinghuman #Beingkind
sapankumar9811

Sapan Kumar

Bronze Star
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