बचपन और पहला दोस्त याद है मुझे वो पल भी आज जब मैने पहली बार किया था किसी से दोस्ती यार कितना खुशनुमा हो गया था जीवन मेरा सारा उसके बिना एक फल भी नही होता था गुजारा कितना प्यारा था दोस्त मेरा लगता था अपनो से भी ज्यादा अपना वो मुझे पर न जाने किस बात से हो कर नाराज चला गया छोड़ कर तंहा मुझको यार आज भी बहुत आती है उसकी मुझे याद बस एक बार फिर से मिल जाए वो मुझे सब गलतफेमी दूर कर के मै उसकी जाने न दूँगा उसको दोबारा #बचपन ओर पहला दोस्त