ll पापा ll ll शाम सुबह जिनके होने का एहेसास होता हो उन्हे एक पहेर उड़ जाना ही पड़ता है ll ll जिनकी हतेली की रेखाएं लगती थी रेल की पटरी उन पटरियों पे जीवन भर चलना तो पड़ता है ll ©Kulvant Kumar ll पापा ll ll शाम सुबह जिनके होने का एहेसास होता हो उन्हे एक पहेर उड़ जाना ही पड़ता है ll ll जिनकी हतेली की रेखाएं लगती थी रेल की पटरी उन पटरियों पे जीवन भर चलना तो पड़ता है ll