मैं अनपढ़ अल्हड़ आशिक हूँ समझ न पाऊं बातें_तेरी तू कहती रह अल्फ़ाज अधर से मैं पढ़ता रहूँ निगाहें_तेरी तूने छिपा रखा है दिल में जो वो प्रेम का दरिया गहरा है पहचान गया हूं वो_दर्द तेरा जो पलकों पर तेरी ठहरा है दिल मचल रहा है मेरा भी आगोश में तुझको भरने को मैं जान गया हूँ ये राज़ प्रिये है आतुर आगोश को बाहें तेरी तू बाहर दिखती सख़्त बहुत अंदर से कोमल पुष्प सी है तू जंगल में महके शज़र कोई कस्तूरी मृगनाभि मुश्क सी है मेरी राहें तुझ तक जाती हैं मेरी मंजिल तू ही एक प्रिये तेरी मंजिल भी तो मैं ही हूँ बयां करती है यही निगाहें तेरी #चौबेजी #NojotoQuote निगाहें तेरी #चौबेजी #नज़्म #नोजोटो #क़लम_ऐ_ख़ास #nojoto #nojotohindi #poem #nojotopoetry #शजर