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जो कहते थे हम भूखे हैं..बस एक निवाला दे दो तुम, वो

जो कहते थे हम भूखे हैं..बस एक निवाला दे दो तुम,
वो उमड़े हैं अब ठेकों पर..इन्हें मय का प्याला दे दो तुम,
जिनके चूल्हों में धुआं नहीं..वो देश बचाने निकले हैं,
गिरती हुई अर्थव्यवस्था को..बोतल से टिकाने निकले हैं,
इन्हें मौत का कोई खौफ नहीं..बेकार में ही समझाएं अब,
ये दारू-दारू करते हैं..इन्हें दारू से नहलाएं अब, 

दिल्ली का सिंहासन देखे अब..मेहनत सारी बेकार हुई,
इन पीने वालों के आगे..बेबस सी हर सरकार हुई,
ये झूमेंगे..फिर घूमेंगे...आपस में लिपटकर गाएंगे,
ये घर पर जाने से पहले..वायरस से चिपटकर जाएंगे,
ये पीने वाले बोल रहे..सरकार को हम समझाएंगे..!
बस राशन  मुफ्त में दे दो हमें..बोतल हम खुद ले आएंगे..!!
-------अमित ठेकों पर हाल
जो कहते थे हम भूखे हैं..बस एक निवाला दे दो तुम,
वो उमड़े हैं अब ठेकों पर..इन्हें मय का प्याला दे दो तुम,
जिनके चूल्हों में धुआं नहीं..वो देश बचाने निकले हैं,
गिरती हुई अर्थव्यवस्था को..बोतल से टिकाने निकले हैं,
इन्हें मौत का कोई खौफ नहीं..बेकार में ही समझाएं अब,
ये दारू-दारू करते हैं..इन्हें दारू से नहलाएं अब, 

दिल्ली का सिंहासन देखे अब..मेहनत सारी बेकार हुई,
इन पीने वालों के आगे..बेबस सी हर सरकार हुई,
ये झूमेंगे..फिर घूमेंगे...आपस में लिपटकर गाएंगे,
ये घर पर जाने से पहले..वायरस से चिपटकर जाएंगे,
ये पीने वाले बोल रहे..सरकार को हम समझाएंगे..!
बस राशन  मुफ्त में दे दो हमें..बोतल हम खुद ले आएंगे..!!
-------अमित ठेकों पर हाल
amitkumar3832

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