मुझे कमा लेने दो मैं दिल से गरीब हूँ किसी का प्यार थोड़ी दुकानों पे बिकता होगा,, मुझे नज़दीक से देखनी है यह बुलंदियां, ज़मीन से तो आसमान ज़रा सा दिखता होगा,,, यह आलम है उस खुदा का ही तो क्यों तोड़ू इस फूल को शायद यह भी उसके घर मे ही खिलता होगा,, बेहद कमी है मेरी ज़िंदगी मे खुशियो की,, अरे,,गमो की मेहरवानी से थोड़ी कोई हँसता होगा,, अब तो आम हो गए है किस्से मेरी अधूरी कहानी के,, समाचार पत्रों में तेरे नाम से कुछ तो छपता होगा,, गुमसुम सर्द दिसंबर की रातो में बात नही की जाती इशारों इशारों की गुफ़्तगू में कोई अशार जगता तो होगा,, #Nature #season #december ਸੁੱਖੀ ਦੀਨਾ ਦਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ Neetu_$harmA❤POete$$✒