तेरी पायल की छमछम, मेरा दिल चुराती है मद्धम- मद्धम। सुनकर इनकी छमछम, बजने लगती है दिल में मेरे सरगम। दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं, सांसे भी महकने लगती है। जीवन बगिया खिलने लगती है, तेरे आ जाने से मेरे सनम। तेरी पायल नहीं, मेरे दिल की धड़कन धड़क कर मचल जाती है। बढ़ा देती है दिल की बेकरारी को, मेरे दिल को बड़ा तड़पाती है। आ जाओ तुम्हें बुलाती है, तेरी दूरी हमको बड़ा सताती है। आकर अपना बना लो हमको, हर पल तुमको समझाती है। -"Ek Soch" आज का शीर्षक है पायल की छमछम। 🌺 इस शीर्षक पर आप सभी को कम से कम 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखनी है। 🌺समय सीमा आज सुबह 8 30 से रात 12 बजे तक। 🌺 सुबह 8 बजे के बाद तक परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी।