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तन्हा तन्हा सी क्यों गुजरती है शाम ख्यालों सी दिल

तन्हा तन्हा सी क्यों गुजरती है शाम
ख्यालों सी दिल में उतरती है शाम
मिलने की वादों से मुकरती है शाम
रात की आगोश में सरकती है शाम

©jayanti bajpai
  #ख्यालोंसी

ख्यालोंसी #Poetry

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