'2' सड़कों पे जो लिखे थे नववर्ष के संदेशे उसको कुचल रहे थे उसके भी जोड़े जूते कैसे कहूं कि सबका दिल बहल गया सदी का पहला विहान ढल गया गीतों के धुन पर ठुमके लगते रहे निराले हर मौज छू के जैसे पुलकित हुए किनारे अपनी गली में जैसे फिल्मिस्तान उतर गया सदी का पहला विहान ढल गया क्रमशः... ©संजीव #सदी #पहला #विहान #LostInCrowd