धुन सुनकर मन की बात को छुपा ना सके जुबां पे इस तरह आ गयी मोहब्बत के लफ्जों में मन की बात बयां कर दीं अभी इश्क बांकी है अभी तुझपर शायरी लिखना बांकी है अभी मेरी इश्क की डायरी में तुम्हारी यादें लिखना बांकी है अभी मोसम बदलना बांकी है अभी बारिश की बूँदें गिरना बांकी है अभी इश्क बांकी है अभी इजहार करना बाकी है ©Anita Najrubhai #5linespoetry अभी इश्क बांकी है