Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरी नींद तुम हो, मेरी करवटें तुम हो वो बिखरे सिर

मेरी नींद तुम हो, मेरी करवटें तुम हो 
वो बिखरे सिराहने तुम हो 
वो चादर की सिलवटें तुम हो 
तुम कल थी मेरा तुम मेरा आज हो 
मेरा बुढ़ापा मेरी जवानी तुम हो 
और मेरे बचपन की हरकतें तुम हो,, 

तुम गुलामी हो मेरी तुम तख़्त हो मेरा 
तुम जीत हो मेरी तुम सिकस्त हो मेरा 
मै हूं तो मेरे होने की तुम  वजह हो 

तुम्हे नहीं पता तुम मेरे लिए क्या हो... #तुम_क्या_हो (4) #poetry
मेरी नींद तुम हो, मेरी करवटें तुम हो 
वो बिखरे सिराहने तुम हो 
वो चादर की सिलवटें तुम हो 
तुम कल थी मेरा तुम मेरा आज हो 
मेरा बुढ़ापा मेरी जवानी तुम हो 
और मेरे बचपन की हरकतें तुम हो,, 

तुम गुलामी हो मेरी तुम तख़्त हो मेरा 
तुम जीत हो मेरी तुम सिकस्त हो मेरा 
मै हूं तो मेरे होने की तुम  वजह हो 

तुम्हे नहीं पता तुम मेरे लिए क्या हो... #तुम_क्या_हो (4) #poetry
prakash4355

prakash

New Creator