।। स्वाभिमान ।। दुश्मनी मोल क्यों लें बेबजह इन हवाओं से कल ना जाने दीये से कुछ काम निकल आये मुश्किलें तो हमारी ख़ुद की बनायीं हुई होती हैं देखो तो ज़रा गौर से इन्हें,शायद कोई हल निकल आये भरोसा जो ख़ुद पे हो तो क्या नही कर सकते वो सागर भी कभी इस दरिया से मिलने निकल आये जब आगे बढ़ना हो तो पीछे ज़रूर देखना पुरानी राहों में दूसरों के,वो ताने नज़र आ जाये हार जाते हैं कभी, की हार ख़ुद मान लेते है,वरना ऐसा नही की,कोई मुसीबत हौसलों से आगे निकल जाये यूँ तो कभी सर्द की धूप भी बदन को चुभने लग जाये पर जब बात स्वाभिमान की हो तो गर्मी के सूरज से भी एक एक हाथ हो जाये @विकास ©Vikas sharma #BuildingSymmetryस्वाभिमान