#बालदिवस सड़क पर गुब्बारे लेकर चौराहे पर रुकी गाड़ियों के शीशे खुलवाते,उनके पीछे दौड़ते बच्चे बस एक गुब्बारा बेचने को। माँ को जब फटकार लगाता है कोई तो गुस्सा उन्हें भी आता है गाड़ियों के पीछे छोटे-छोटे कंकर फेककर विरोध जताते बच्चे पर माँ की समझाइश पर नियति मान लेते हैं वो इसे अपनी। पास ही खड़ी स्कूल की बहुमंजिला इमारत घण्टी की आवाज़ और प्रार्थना के स्वर बहुत आकर्षित करते है इन्हें। बड़ी-बड़ी गाड़ियों से उतरते पीठ पर बस्ता टांगकर जाते बच्चे इन्हें अच्छे कम..प्रतिद्वंदी ज्यादा नजर आते हैं । माँ की समझाइश पर ये बच्चे इसे भी नियति मान लेते हैं। आज स्कूल से आता अलग सा स्वर 'हैप्पी चिल्ड्रन्स डे',बालदिवस की शुभकामनाएं सुनकर माँ से 'बालदिवस' का मतलब पूछना और माँ का नई प्रार्थना बताना। अचानक तालियों की गड़गड़ाहट के बीच 'आज बच्चों का दिन है' का स्वर फूटना और उनके सारे भ्रम टूटना। 'माँ हमारा दिन कब है' पूछने से पहले ही 'हर दिन तुम्हारा है' कहकर माँ का, गले लगाना और हाथ में गुब्बारा देकर चौराहे पर खड़ी गाड़ी की तरफ दौड़ाना। और खुद से पूछना 'बालदिवस' ?? छोडों हमें क्या करना है जानकर!!