सूरज पर तो लगा ग्रहण कुछ घंटों में मिट ही जाएगा, तेरे जीवन पर लगे ग्रहण को तेरे सिवा कौन मिटाएगा, सूरज तो नित नियम से उगता और नियम से ढलता है, तू भी कुछ निर्णय कर ले ये न तुझको कोई सिखाएगा। -"Ek Soch" यह प्रतियोगिता संख्या -32 है आप सभी कवि- कवयित्री का स्वागत है। 💐💐 🎧 चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें नया नियम:- आपके रचना post करने के बाद आप जाँच पड़ताल कमेटी के किसी एक