Nojoto: Largest Storytelling Platform

ठीक रात २.३५ बजा था अचानक से आंख खुली , दिमाग़ मे

ठीक रात २.३५ बजा था अचानक से आंख खुली , 
दिमाग़ में एक पुरी मूवी टेलीकास्ट हो गई थी।
सोची कि उसको नोट करलूं ,
फिर सोची इतनी ठंड में कौन लिखेगा उठ के।
सुबह जब उठी और उस मूवी को याद करने की कोशिश की 
फिर सब शून्य था । 
उस मूवी का एक शक्स भी याद नहीं।

जिंदगी का भी कुछ यूं होता,ना कोई उम्मीद रहती 
और ना किसी से कोई सिकायत ।।

©shibani काश ज़िंदगी के कुछ किरदारों को भी भूल सकते ,जैसे रात को देखा हुआ सपना ।।।।

#Dream 
#Sapna 
#shibani🖤 

#FadingAway
ठीक रात २.३५ बजा था अचानक से आंख खुली , 
दिमाग़ में एक पुरी मूवी टेलीकास्ट हो गई थी।
सोची कि उसको नोट करलूं ,
फिर सोची इतनी ठंड में कौन लिखेगा उठ के।
सुबह जब उठी और उस मूवी को याद करने की कोशिश की 
फिर सब शून्य था । 
उस मूवी का एक शक्स भी याद नहीं।

जिंदगी का भी कुछ यूं होता,ना कोई उम्मीद रहती 
और ना किसी से कोई सिकायत ।।

©shibani काश ज़िंदगी के कुछ किरदारों को भी भूल सकते ,जैसे रात को देखा हुआ सपना ।।।।

#Dream 
#Sapna 
#shibani🖤 

#FadingAway
shivuwrites4438

Shibani

New Creator