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संदर्भ:- गद्यांश १ जीवन की राहें कठीन सही तु

संदर्भ:- गद्यांश १

जीवन की राहें कठीन सही     
तुझे लक्ष को पाना हैं
गढ़ नजर अपने लक्ष पर
तुझे चलते रहना  हैं

माना कठीन राह हैं
ऊंचाईयों  की चाह हैं
गीर जायेगा सौ बार
उठकर फिर चढ़ना हैं 

कट जायेंगे कभी पर तेरे
सपने होंगे ओझल तेरे
भर पंखो में बल हिम्मत से
काले बादलों को पार करना हैं 

एक बार तू  लक्ष को पायेगा
जिवन सुखद हो जायेगा
खुशियों के मेले होंगे हजार 
होगी चारों तरफ तेरी जयजयकार  संदर्भ :- ||गद्यांश १||


 जीवन की राहें कठीन सही 
तुझे लक्ष को पाना हैं
गढ़ नजर अपने लक्ष पर
तुझे चलते रहना  हैं
संदर्भ:- गद्यांश १

जीवन की राहें कठीन सही     
तुझे लक्ष को पाना हैं
गढ़ नजर अपने लक्ष पर
तुझे चलते रहना  हैं

माना कठीन राह हैं
ऊंचाईयों  की चाह हैं
गीर जायेगा सौ बार
उठकर फिर चढ़ना हैं 

कट जायेंगे कभी पर तेरे
सपने होंगे ओझल तेरे
भर पंखो में बल हिम्मत से
काले बादलों को पार करना हैं 

एक बार तू  लक्ष को पायेगा
जिवन सुखद हो जायेगा
खुशियों के मेले होंगे हजार 
होगी चारों तरफ तेरी जयजयकार  संदर्भ :- ||गद्यांश १||


 जीवन की राहें कठीन सही 
तुझे लक्ष को पाना हैं
गढ़ नजर अपने लक्ष पर
तुझे चलते रहना  हैं
rashmihule2974

Rashmi Hule

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