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कौन हिसाब करे चुप्पियों का, किसे फर्क है क्यूं चुप

कौन हिसाब करे
चुप्पियों का,
किसे फर्क है
क्यूं चुप हूँ मैं..

सब रंगे हुए हैं
ज़िन्दगी के रंगों में
सब खुश
सब बेपरवाह बहुत
फिर भी कभी
बस यूं ही,
हाल चाल पूछ 
आते हैं

खुद से रूठे
चुप चुप से हम
फ़िर कहाँ
कुछ बताते हैं

दर्द साथी
दुख जीवन 
हम बस
मुस्कुराते हैं

कभी कभी 
जब हम,
खुद से रूठ जाते हैं।

©Ankur Mishra #कौन #हिसाब #करे
चुप्पियों का,
किसे फर्क है
क्यूं चुप हूँ मैं..

सब रंगे हुए हैं
ज़िन्दगी के रंगों में
सब खुश
कौन हिसाब करे
चुप्पियों का,
किसे फर्क है
क्यूं चुप हूँ मैं..

सब रंगे हुए हैं
ज़िन्दगी के रंगों में
सब खुश
सब बेपरवाह बहुत
फिर भी कभी
बस यूं ही,
हाल चाल पूछ 
आते हैं

खुद से रूठे
चुप चुप से हम
फ़िर कहाँ
कुछ बताते हैं

दर्द साथी
दुख जीवन 
हम बस
मुस्कुराते हैं

कभी कभी 
जब हम,
खुद से रूठ जाते हैं।

©Ankur Mishra #कौन #हिसाब #करे
चुप्पियों का,
किसे फर्क है
क्यूं चुप हूँ मैं..

सब रंगे हुए हैं
ज़िन्दगी के रंगों में
सब खुश

#कौन #हिसाब #करे चुप्पियों का, किसे फर्क है क्यूं चुप हूँ मैं.. सब रंगे हुए हैं ज़िन्दगी के रंगों में सब खुश #Poetry #चुप्पी_क्या_कह_गई