परिंदे को बेमोल मिल गई जहान भर की आज़ादी और दरख़्त है जो अपनी आज़ादी का ग़ुलाम है, जहाँ एक को है ज़मीन से बेतहाशा मुहोब्बत वहीं दूसरे की आख़री चाहत बस आसमान है. एक तरफ़ दरख़्त है जिसे बरसों से हसरत है हिज़रत की, और एक तरफ है परिंदा जो पलायन से परेशान है, शिक़वा करना भी ग़र चाहे तो कर न सकेंगे दोनों ही बेचारे अपनी अपनी ज़ात से बेज़ुबान हैं. ©Yashika apni apni azadi #standout #parinda #darakht #Trees #Birds #Love #Freedom