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प्रिये से मिलने की आस लिये, सब छोड़ छाड़ दीवाना अप

प्रिये से मिलने की आस लिये, सब छोड़ छाड़ दीवाना अपने घर से निकला।

कभी राह दिखाती तो कभी कड़क कड़क कर, प्रियसी का हाल सुनाती चपला। 

मिलन की खबर फिज़ा में फैली, तो विधान विधि का पलभर में जा बदला।  

यह प्रेम आलिंगन देख बोले रती से कामदेव, है इक नेहला तो दूजा दहला। प्रिये से मिलने की आस लिये, सब छोड़ छाड़ दीवाना अपने घर से निकला।

कभी राह दिखाती तो कभी कड़क कड़क कर, प्रियसी का हाल सुनाती चपला।
 
मिलन की खबर फिज़ा में फैली, तो विधान विधि का पलभर में जा बदला।
  
यह प्रेम आलिंगन देख बोले रती से कामदेव, है इक नेहला तो दूजा दहला।
प्रिये से मिलने की आस लिये, सब छोड़ छाड़ दीवाना अपने घर से निकला।

कभी राह दिखाती तो कभी कड़क कड़क कर, प्रियसी का हाल सुनाती चपला। 

मिलन की खबर फिज़ा में फैली, तो विधान विधि का पलभर में जा बदला।  

यह प्रेम आलिंगन देख बोले रती से कामदेव, है इक नेहला तो दूजा दहला। प्रिये से मिलने की आस लिये, सब छोड़ छाड़ दीवाना अपने घर से निकला।

कभी राह दिखाती तो कभी कड़क कड़क कर, प्रियसी का हाल सुनाती चपला।
 
मिलन की खबर फिज़ा में फैली, तो विधान विधि का पलभर में जा बदला।
  
यह प्रेम आलिंगन देख बोले रती से कामदेव, है इक नेहला तो दूजा दहला।

प्रिये से मिलने की आस लिये, सब छोड़ छाड़ दीवाना अपने घर से निकला। कभी राह दिखाती तो कभी कड़क कड़क कर, प्रियसी का हाल सुनाती चपला। मिलन की खबर फिज़ा में फैली, तो विधान विधि का पलभर में जा बदला। यह प्रेम आलिंगन देख बोले रती से कामदेव, है इक नेहला तो दूजा दहला। #शायरी #दर्शनठाकुर