हवेली-ए-ह़ुस्न में दरीचा-ए-खु़ल्द़ है नाफ़, जहाँ मणि-अ-फिरदौस चमकती है साफ ! दावत-ए-मोहब्बत में जायका-ओ-लज्ज़त है नाफ़, मेरे खयाल-ए-हयात का मुस्काता तस्स्वुर है नाफ़ ! तफ़्सील-ए-हुस्न में हिलाल-ए-आसमाँ है नाफ़, ऐसे में खुदाया "आफताब" को हो इक गुस्ताखी माफ ! नाफ़- नाभि खुल्द़ - स्वर्ग तफ्सील- विवरण, description हिलाल- नया और आखिरी चाँद #urdu #gazal #shayari #hindiurdu #yqbhaijan #yqdidi #nazm #surajaaftabi