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यह शाम का ढलता सुरज कुछ कह रहा है लेकर आँखो में

यह शाम का ढलता सुरज 
कुछ कह रहा है 
लेकर आँखो में आँसू 
हर गम भिगो रहा है 
जिंदगी की थकान 
अब आराम चाहती है 
थोड़ा प्यार चाहती है 
क्योकी 
जैसे ही रात बीत जायेगी 
फिर से वही सुबह 
एक नयी जींदगी लायेगी subah ka thakan
यह शाम का ढलता सुरज 
कुछ कह रहा है 
लेकर आँखो में आँसू 
हर गम भिगो रहा है 
जिंदगी की थकान 
अब आराम चाहती है 
थोड़ा प्यार चाहती है 
क्योकी 
जैसे ही रात बीत जायेगी 
फिर से वही सुबह 
एक नयी जींदगी लायेगी subah ka thakan