यह शाम का ढलता सुरज कुछ कह रहा है लेकर आँखो में आँसू हर गम भिगो रहा है जिंदगी की थकान अब आराम चाहती है थोड़ा प्यार चाहती है क्योकी जैसे ही रात बीत जायेगी फिर से वही सुबह एक नयी जींदगी लायेगी subah ka thakan