#OpenPoetry ~~~प्रतियोगी छात्र~~~ माँ दूर हूँ तुझसे कुछ समझ आता नही। खाना तो बनाता हूँ पर भरपेट खाता नही। मेरे रोने पर तेरा इक पल ना सोचना, आँचल को उठा करके आँसू को पोछना, सीने से लगा करके माथे को चूमना, होता हूँ तन्हा पर ओ प्यार पाता नहीं। माँ दूर हूँ तुझसे कुछ समझ आता नहीं। जब फाइनल सेलेक्शन से छूट जाता हूँ, कैसे बतलाऊँ मैं कितना टूट जाता हूँ, क़िस्मत के खेल से बस रूठ जाता हूँ, बोलियों से विवश होकर घर जाता नही। माँ दूर हूँ तुझसे कुछ समझ आता नही। इस बार थोड़ी मेहनत हम और करेंगे, जी जान लगा करके हर विषय पढ़ेंगे, यही सोच-सोचकर कई साल ढलेगे, पेपर लीक वालों से मेरा कोई नाता नहीं। माँ दूर हूँ तुझसे कुछ समझ आता नही। -देव फैजाबादी #NojotoQuote #प्रतियोगी छात्र# #nojotohindi#poem#erotica#music#students#struggle#competition#favourite#kavita prathna behra..💕💕