एक मुट्ठी आसमान रखना चाहती हूँ! अपने उन हसीन ख़्वाबों के लिए। जो मुझे उड़ने की ताक़त देते हैं। सुनहरे भविष्य के लिए- घर परिवार और समाज के लिए, उम्र भर लगी रहती हूँ बिना किसी शिकायत के। मैं पंछी बनकर उन्मुक्त गगन की! भरने लगती हूँ -उड़ान! 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 28 🎀 शीर्षक:- ""एक मुट्ठी आसमान"" 🎀 शब्द सीमा नहीं है। 🎀 इस प्रतियोगिता में आप सभी को इस शीर्षक पर collab करना है।