मालूम है तुझे नही आना फ़क़त ही तेरा इंतजार है, उम्मीद की रस्मों में तुम्हें मांगते हमे आज भी प्यार है, शिकायत आप से नहीं कसूर तो हमारा ही रहा होगा, आप शायद न माने हमें मोहब्बत आज भी बेशुमार है, आप शायद ही समझे ये इश्क़ कोई दिलों का खेल नही, तेरा ही नाम लिखा है देख लो जहाँ आज मेरी मजार है। ♥️ Challenge-678 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।