ओ जमाने याद आए खत से लिपटे गुलाब आए खत में लिखें तराने याद आए मिलने के बहाने याद आए जहां कलम से नहीं खून से लिखें खत तमाम आए ओ जमाने याद आए यहां लिखने वाले का चेहरा दिख जाए मोहब्बत से भरे खत तमाम आए जिसे छुप के पढ़ने के बहाने तमाम आए ओ जमाने याद आए खत से लिपटे गुलाब आए #गुलाब #खत #विचार Prince yadav suman# Sahil Rathore vinodsaini Rupam rajbhar