आज जब कलम उठाई तो ऐसा लगा मानो, कलम के साथ चलती स्याही हैरान होकर देख रही हो मानो पूछ रही हो, कि तू अभी भी उसके लिए लिख रहा है? -आंखें नम हो गई आ और सिर झुक गया कमबख़्त क्या जवाब देता। #syahi