मेरे सपनों का भारत //अनुशीर्षक क्योंकि वो स्वप्न बड़ा ही सुंदर है भारतीयता का भाव जिसके अंदर है स्वप्न वो मेरे भारत का है मेरे घर की नई इमारत का है दिल में हिंदुस्तान, जुबां पर नारा आत्मनिर्भरता का है मिट्टी के वंदन से रोम-रोम पुलकित वहाँ के हर जन का है स्वप्न सुंदर है वो इतना