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'अ' उपसर्ग सुशोभितः अस्य नाम सम कोऽपि न समानाः क

'अ' उपसर्ग सुशोभितः 
अस्य नाम सम कोऽपि न समानाः 
कनिष्ठिका मध्यमेन च  हस्ते विद्यमानः
नास्ति 'अनाम' अपितु विशेषः नामः
हृदये संबंधः मुद्रिकेन विराजमानः
असीम,अनंत,सौंदर्यवती,गुणी सा नाम 
अनामिकाः। मेरे व्यक्तित्व का परिचय नहीं बल्कि मेरे नाम का अर्थ है


Challenge-169 #collabwithकोराकाग़ज़ 

अपने नाम का अर्थ 30 शब्दों में लिखिए :)
आप अपने नाम पर कविता भी लिख सकते हैं :)
अगर अर्थ ज़्यादा हैं तो आप ज़्यादा कोलाब कर सकते हैं :)
'अ' उपसर्ग सुशोभितः 
अस्य नाम सम कोऽपि न समानाः 
कनिष्ठिका मध्यमेन च  हस्ते विद्यमानः
नास्ति 'अनाम' अपितु विशेषः नामः
हृदये संबंधः मुद्रिकेन विराजमानः
असीम,अनंत,सौंदर्यवती,गुणी सा नाम 
अनामिकाः। मेरे व्यक्तित्व का परिचय नहीं बल्कि मेरे नाम का अर्थ है


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अपने नाम का अर्थ 30 शब्दों में लिखिए :)
आप अपने नाम पर कविता भी लिख सकते हैं :)
अगर अर्थ ज़्यादा हैं तो आप ज़्यादा कोलाब कर सकते हैं :)