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कोरा काग़ज़ (लघुकथा) (ग़ज़ब की दुनिया) सामने से आते ह

कोरा काग़ज़ (लघुकथा)
(ग़ज़ब की दुनिया)

सामने से आते हुए देखा तो एक जगह पर भीड़ लगी हुई थी और किसी के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वैसे तो ये कोई नई बात नहीं थी क्योंकि आएदिन सड़क पर कभी किसी से टक्कर हों जाने की वजह से उस मोहल्ले के लोगों के बीच कहासुनी हो जाना आम बात थीं लेकिन आज कुछ अलग तरह की आवाज लगी तो हम भी भीड़ की ओर चल दिए।


 सामने से आते हुए देखा तो एक जगह पर भीड़ लगी हुई थी और किसी के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वैसे तो ये कोई नई बात नहीं थी क्योंकि आएदिन सड़क पर कभी किसी से टक्कर हों जाने की वजह से उस मोहल्ले के लोगों के बीच कहासुनी हो जाना आम बात थीं लेकिन आज कुछ अलग तरह की आवाज लगी तो हम भी भीड़ की ओर चल दिए।

हम भी किसी तरह भीड़ में घुस गए। हमने वहाँ का जो नज़ारा देखा, वो हमारी कल्पना से भी परे था। हमारे मोहल्ले की दो औरतें आपस मे दो खूंखार बिल्लियों की तरह लड़ रही थी और मोहल्ले के कुछ लड़के अपने मोबाइल फोन पर वीडियो बना रहे थे।

हम से यह सब देखा नहीं गया तो हम बीच बचाव करने के आगे बढ़े। हमने एक कदम आगे बढ़ाया ही था कि मोहल्ले के एक बुजुर्ग चाचाजी ने हमें रोक लिया। “अरे मियां, क्या करने जा रहे हो?” उनके मुंह मे पान ठूसा हुआ था।

“आप भी कमाल करते हैं चाचाजी, देख रहे ना क्या हो रहा है और बचाने के बजाए सब यहाँ वीडियो बनाने में लगे पड़े हैं। अगर कुछ ऊँच नीच हो गई तो बेकार पुलिस-वुलिस का झंझट हो जाएगा।”
कोरा काग़ज़ (लघुकथा)
(ग़ज़ब की दुनिया)

सामने से आते हुए देखा तो एक जगह पर भीड़ लगी हुई थी और किसी के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वैसे तो ये कोई नई बात नहीं थी क्योंकि आएदिन सड़क पर कभी किसी से टक्कर हों जाने की वजह से उस मोहल्ले के लोगों के बीच कहासुनी हो जाना आम बात थीं लेकिन आज कुछ अलग तरह की आवाज लगी तो हम भी भीड़ की ओर चल दिए।


 सामने से आते हुए देखा तो एक जगह पर भीड़ लगी हुई थी और किसी के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वैसे तो ये कोई नई बात नहीं थी क्योंकि आएदिन सड़क पर कभी किसी से टक्कर हों जाने की वजह से उस मोहल्ले के लोगों के बीच कहासुनी हो जाना आम बात थीं लेकिन आज कुछ अलग तरह की आवाज लगी तो हम भी भीड़ की ओर चल दिए।

हम भी किसी तरह भीड़ में घुस गए। हमने वहाँ का जो नज़ारा देखा, वो हमारी कल्पना से भी परे था। हमारे मोहल्ले की दो औरतें आपस मे दो खूंखार बिल्लियों की तरह लड़ रही थी और मोहल्ले के कुछ लड़के अपने मोबाइल फोन पर वीडियो बना रहे थे।

हम से यह सब देखा नहीं गया तो हम बीच बचाव करने के आगे बढ़े। हमने एक कदम आगे बढ़ाया ही था कि मोहल्ले के एक बुजुर्ग चाचाजी ने हमें रोक लिया। “अरे मियां, क्या करने जा रहे हो?” उनके मुंह मे पान ठूसा हुआ था।

“आप भी कमाल करते हैं चाचाजी, देख रहे ना क्या हो रहा है और बचाने के बजाए सब यहाँ वीडियो बनाने में लगे पड़े हैं। अगर कुछ ऊँच नीच हो गई तो बेकार पुलिस-वुलिस का झंझट हो जाएगा।”
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

सामने से आते हुए देखा तो एक जगह पर भीड़ लगी हुई थी और किसी के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वैसे तो ये कोई नई बात नहीं थी क्योंकि आएदिन सड़क पर कभी किसी से टक्कर हों जाने की वजह से उस मोहल्ले के लोगों के बीच कहासुनी हो जाना आम बात थीं लेकिन आज कुछ अलग तरह की आवाज लगी तो हम भी भीड़ की ओर चल दिए। हम भी किसी तरह भीड़ में घुस गए। हमने वहाँ का जो नज़ारा देखा, वो हमारी कल्पना से भी परे था। हमारे मोहल्ले की दो औरतें आपस मे दो खूंखार बिल्लियों की तरह लड़ रही थी और मोहल्ले के कुछ लड़के अपने मोबाइल फोन पर वीडियो बना रहे थे। हम से यह सब देखा नहीं गया तो हम बीच बचाव करने के आगे बढ़े। हमने एक कदम आगे बढ़ाया ही था कि मोहल्ले के एक बुजुर्ग चाचाजी ने हमें रोक लिया। “अरे मियां, क्या करने जा रहे हो?” उनके मुंह मे पान ठूसा हुआ था। “आप भी कमाल करते हैं चाचाजी, देख रहे ना क्या हो रहा है और बचाने के बजाए सब यहाँ वीडियो बनाने में लगे पड़े हैं। अगर कुछ ऊँच नीच हो गई तो बेकार पुलिस-वुलिस का झंझट हो जाएगा।”