बारिश के इस मौसम में, बस याद तुम्हारी आती हैं। बादलों के गर्जन के साथ, बातें तुम्हारी याद आती हैं।। बारिश में भीगतें थें साहिब, हम दोनों साथ साथ। कभी छतरी दौड़कर लेकर आतें, देते तुम मेरे हाथ।। बिजली का चमकना, कभी मेघों का क्रंदन। गलें से लिपट कर तुम्हारे, मैं करती थी रुदन।। बारिश के साथ ही याद आता हैं संग बिताया हर पल। कुछ भी हो जाएं, पर कभी ना भूलूंगी गुजरे कल।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-50 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6-8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।