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किसी के प्रति आसक्ति का भाव हमें उससे इस प्रकार जो

किसी के प्रति आसक्ति का भाव हमें उससे इस प्रकार जोड़ देता है कि हम चाह कर भी उसे अलग नहीं हो पाते यह ठीक वैसे ही जैसे रेशम का पहना हुआ कुर्ता देखकर शरीर से चिपक जाए फिर उसे उतारना बहुत कठिन होता है जबकि सूखे कुर्ते को उतारना सहज है आ सकती के जल से भीगे उसी कुर्ते की तरह भौतिक पदार्थ हम से चिपक जाते हैं और शाम को कौन से उससे अलग करना बहुत कठिन हो जाता है

©Ek villain #mainaurtum भौतिक पदार्थ हमारे आसपास हैं
किसी के प्रति आसक्ति का भाव हमें उससे इस प्रकार जोड़ देता है कि हम चाह कर भी उसे अलग नहीं हो पाते यह ठीक वैसे ही जैसे रेशम का पहना हुआ कुर्ता देखकर शरीर से चिपक जाए फिर उसे उतारना बहुत कठिन होता है जबकि सूखे कुर्ते को उतारना सहज है आ सकती के जल से भीगे उसी कुर्ते की तरह भौतिक पदार्थ हम से चिपक जाते हैं और शाम को कौन से उससे अलग करना बहुत कठिन हो जाता है

©Ek villain #mainaurtum भौतिक पदार्थ हमारे आसपास हैं
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Ek villain

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