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कुदरत का उसूल जेहन में तुम हो,तुम्हारा लिबास रखा ह

कुदरत का उसूल जेहन में तुम हो,तुम्हारा लिबास रखा है

मेरी आंखों में कोई ऐसा ख्वाब रखा है

लोग हर रात जिसे खोजते है तारों में

मेरी हथेली पर महताब रखा है अर्पित तिवारी
कुदरत का उसूल जेहन में तुम हो,तुम्हारा लिबास रखा है

मेरी आंखों में कोई ऐसा ख्वाब रखा है

लोग हर रात जिसे खोजते है तारों में

मेरी हथेली पर महताब रखा है अर्पित तिवारी

अर्पित तिवारी