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तुम्हारी रूह का आसीर बन सदा जीने की चाहत है, हमे आ

तुम्हारी रूह का आसीर बन सदा जीने की चाहत है,
हमे आधा नही,अब मुक्कमल इश्क़ की चाहत है,

मिले जो तुमसे अपनापन,उस सुखद एहसास की चाहत है,
इस मुकम्मल जहाँ में हर मंजर,तेरे साथ देखने की चाहत है,
हा हमे आधा नही, अब मुक्कमल इश्क़ की चाहत है।

                                            ✍️आशुतोष यादव #इश्क़_का_दरिया #इश्क़_का_दर्द #इश्क़_का_बुखार  #रूह_की_कलम
#रूह_में_घुला_एहसास      himanshi Singh indira Priya Gour Drsantosh Tripathi Navneet Singh
तुम्हारी रूह का आसीर बन सदा जीने की चाहत है,
हमे आधा नही,अब मुक्कमल इश्क़ की चाहत है,

मिले जो तुमसे अपनापन,उस सुखद एहसास की चाहत है,
इस मुकम्मल जहाँ में हर मंजर,तेरे साथ देखने की चाहत है,
हा हमे आधा नही, अब मुक्कमल इश्क़ की चाहत है।

                                            ✍️आशुतोष यादव #इश्क़_का_दरिया #इश्क़_का_दर्द #इश्क़_का_बुखार  #रूह_की_कलम
#रूह_में_घुला_एहसास      himanshi Singh indira Priya Gour Drsantosh Tripathi Navneet Singh