इक प्यार के नगमे को, लिखता और मिटाता हूँ। तेरी जब याद आती है, तो अपने अश्क़ों को हटाता हूँ। आइना जब देखूं, तेरा हुस्न दिखता है, तू इस कदर मुझमें समायी थी। तुझको फिर याद करके मैं, रोता और मुस्कुराता हूँ।। इक प्यार के नगमे को, लिखता और मिटाता हूँ। इक प्यार का नग्मा