Vishnu Bhagwan श्री वाल्मीकि की उक्ति है. "लोके नहि स विद्येत यो न राममनुव्रतः ।" [ लोक में ऐसा कोई हुआ ही नहीं, जो राम का अनुगामी न हो । निज सर्वस्व के बिना किसी को भी कैसी विश्रान्ति ? अतएव तरङ्ग की जैसे समुद्रा नुगामिता है, ठीक वैसी ही प्राणिमात्र की भगवदनुगामिता है । भेद यही है कि ज्ञानी अपने प्रियतम को कर प्रेम करता है, दूसरे उसी के लिए व्यग्र होते हुए भी उसे जानते ही नहीं । धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी ©KhaultiSyahi #vishnubhagwan #khaultisyahi #Prayers 🙏🙇🙌 #praytoparmatma #think #read #Implementation #Life_experience #Truth #Reality 😶🌫️