बचपन मे देखा था एक बड़ा-सा जानवर, बड़ा-सा शरीर और बड़ा ताकतवर .. लेकिन सबसे प्यारा और निराला था वो साथी, पापा ने बताया था उसका नाम है हाथी, हाथी मेरे साथी जैसी फिल्मे है हमको भाती.. फिर क्यु ऐसे जानवर की जान यूँ ही चली जाती, खाना ढूंढते उस भूखी माँ ने... फल को चबाया,, इंशानियत के पटाखे ने, उसके जबड़े को उड़ाया, मरते दम तक उसने इंसान को नुकसान नही पहुचाया.. उस बेजुबान ने मानवता का असली पाठ पढ़ाया, तीन दिन तक टूटे जबड़े से खड़ी रही वो पानी मे.. क्या ही बताऊँ उस माँ की कहानी मै, फिर हथनी और बच्चा गए स्वर्ग सिधार.. बहुत बड़ा कर्ज हो गया हम पर उधार, इंशानियत तो मर गयी , अब इंशान कहा बच पाएगा.. कोरोना ,साइक्लोंन,भूकंप और बाढ़ ही तो आयेगा, अब भी समय है सम्हल जाओ.. पृथ्वी का ना अपमान करो. पेड़ ,पक्षी ,जानवर सबका तुम सम्मान करो!! #WorldEnvironmentDay #RipHuminity