सुनो, मुझसे करो ना फिर से इज़हार तुम मेरी जाँ, करो वो पहली सी मोहब्बत तुम वो साथ में चाँद देखना वो सितारों से बातें जाना,फिर से बना लो ना! वो आदत तुम जैसे मिले थे अनजान से पहली बार हम तुम उसके जैसे दे दो दिल पर फिर से वही दस्तक तुम रहते ना थे कभी मुझसे एक पल भी दूर तुम दे दो मुझको फिर से तेरी पहली सी सोहबत तुम बाकी है कैफ़ियत मुझमें दे दो उससे राहत तुम जगा दो अपने दिल में फिर से मेरी चाहत तुम बात इतनी सी है कि भुला के सब शिकवे-गिले दे दो पहलू रहने की मुझे फिर से इज़ाज़त तुम सुनो, मुझसे करो ना फिर से इज़हार तुम मेरी जाँ, करो वो पहली सी मोहब्बत तुम वो साथ में चाँद देखना वो सितारों से बातें जाना,फिर से बना लो ना! वो आदत तुम जैसे मिले थे अनजान से पहली बार हम तुम उसके जैसे दे दो दिल पर फिर से वही दस्तक तुम