एक ना एक दिन ऐश मैं भी चुप्पी तोड़ ही दूंगा इन खतरनाक दरियाओं को भी मोड़ ही दूंगा ऐ कायनात बनाने वाले तू मेरे वज़ूद की फिक्र छोड़ दे एक दिन तेरे वज़ूद की इस धरा को मैं भी छोड़ ही दूंगा