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चेहरे पे मुस्कुराहटें हैं लेकिन आंखें हैं ख़ाली ख़ाल

चेहरे पे मुस्कुराहटें हैं लेकिन आंखें हैं ख़ाली ख़ाली
किस क़दर तनहा हैं सभी क़ुर्बतों के शायद मारे हैं

जीने को समान हैं सब बेसबब बेचैनियां हैं फिर भी
किस क़दर दिल अफ़सुर्दा हैं  हसरतों के शायद मारे हैं

मिलते हैं सुबोह शाम  हर गोशे से हर रंग के  तमाम शक़्स
ख़ुद से मिले मगर मुद्दतें गुज़रीं मसरूफ़ियतों के शायद मारे हैं

हर तरफ़ आदमी ही आदमी और मरासिम हैं बेहिसाब
दिल मगर किसी से मिलते नहीं मतलबों के शायद मारे हैं

 20/1/21
क़ुरबत - nearness
अफ़सुर्दा- melancholic
मसरूफ़ियत- busyness (not business)

YourQuote Baba YourQuote Bhaijan योर कोट्स हिन्दी  YQ Muse
चेहरे पे मुस्कुराहटें हैं लेकिन आंखें हैं ख़ाली ख़ाली
किस क़दर तनहा हैं सभी क़ुर्बतों के शायद मारे हैं

जीने को समान हैं सब बेसबब बेचैनियां हैं फिर भी
किस क़दर दिल अफ़सुर्दा हैं  हसरतों के शायद मारे हैं

मिलते हैं सुबोह शाम  हर गोशे से हर रंग के  तमाम शक़्स
ख़ुद से मिले मगर मुद्दतें गुज़रीं मसरूफ़ियतों के शायद मारे हैं

हर तरफ़ आदमी ही आदमी और मरासिम हैं बेहिसाब
दिल मगर किसी से मिलते नहीं मतलबों के शायद मारे हैं

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क़ुरबत - nearness
अफ़सुर्दा- melancholic
मसरूफ़ियत- busyness (not business)

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