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मेरे सभी देशवासियों, जो,आज भी कोई न कोई आंदोलन मे

मेरे सभी देशवासियों, 
जो,आज भी कोई न कोई आंदोलन में है,  
आप सबका धन्यवाद 
हम आपके रक्षक है, और आपके सर्वोच्च रक्षक 
न भूलना ये बात 

आवाज आपकी तेज और भीषण है, किंतु आप अपने लिए लडते हो?
पर तुम्हारे साथ कोई खडा क्यो नहीं? 
ये कौन सा आंदोलन करते हो 

हम है आपके भाई बेटे
पहने वर्दी जूते लिए बंदूके
हम ही है जो भी जीतेंगे, 
हमारा क्या है, वो सब तुम्हारे लिए छोड देंगे
हैं निश्चय कि भविष्य तुम्हारा हर एक शिला पर लिख देंगे
हम हैं जो लडेंगे और तय है के मरेंगे

हो सकता है के ये दुनिया हम बचा भी न पाए 
पर एक कोशिश तो कर जाए

हम उस ही पथ पर चलेंगे जिस पथ पर हम हैं 
हमे चाह नहीं कुछ, सिवा इसके जहाँ हम हैं 

तो जब तुम करो आंदोलन किसी के लिए 
अपने मस्तिष्क को जरा पीछे दौडाना
जिससे तुम्हें प्यार है उस लहराते तिरंगे के लिए
युद्ध तो है लडा जाना और तय है जवान मारा जाना

हम आए है लडने उनके लिये, जिनको हमने गले लगाया है 
और वो सम्मान अगर नहीं करते जिन्होंने आंदोलन लगाया है 

तो हम तनिक भी यहाँ न टिक पाएंगे
तुम छोडो ये नारे ये आंदोलन 
दुआ करो उनकी जो दुश्मन मार गिराएंगे

और तब सब ठीक हो जाएगा, 
खेल खत्म हो जाएगा 
शुक्र मनाओ हमारा रास्ता नरक होकर के जाता है
सम्मान हमे इस पत्र के पढते ही मिल जाता है

#राजेश_कुमार_विश्वकर्मा

©#maxicandragon मेरे सभी देशवासियों, 
जो,आज भी कोई न कोई आंदोलन में है,  
आप सबका धन्यवाद 
हम आपके रक्षक है, और आपके सर्वोच्च रक्षक 
न भूलना ये बात 

आवाज आपकी तेज और भीषण है, किंतु आप अपने लिए लडते हो?
पर तुम्हारे साथ कोई खडा क्यो नहीं?
मेरे सभी देशवासियों, 
जो,आज भी कोई न कोई आंदोलन में है,  
आप सबका धन्यवाद 
हम आपके रक्षक है, और आपके सर्वोच्च रक्षक 
न भूलना ये बात 

आवाज आपकी तेज और भीषण है, किंतु आप अपने लिए लडते हो?
पर तुम्हारे साथ कोई खडा क्यो नहीं? 
ये कौन सा आंदोलन करते हो 

हम है आपके भाई बेटे
पहने वर्दी जूते लिए बंदूके
हम ही है जो भी जीतेंगे, 
हमारा क्या है, वो सब तुम्हारे लिए छोड देंगे
हैं निश्चय कि भविष्य तुम्हारा हर एक शिला पर लिख देंगे
हम हैं जो लडेंगे और तय है के मरेंगे

हो सकता है के ये दुनिया हम बचा भी न पाए 
पर एक कोशिश तो कर जाए

हम उस ही पथ पर चलेंगे जिस पथ पर हम हैं 
हमे चाह नहीं कुछ, सिवा इसके जहाँ हम हैं 

तो जब तुम करो आंदोलन किसी के लिए 
अपने मस्तिष्क को जरा पीछे दौडाना
जिससे तुम्हें प्यार है उस लहराते तिरंगे के लिए
युद्ध तो है लडा जाना और तय है जवान मारा जाना

हम आए है लडने उनके लिये, जिनको हमने गले लगाया है 
और वो सम्मान अगर नहीं करते जिन्होंने आंदोलन लगाया है 

तो हम तनिक भी यहाँ न टिक पाएंगे
तुम छोडो ये नारे ये आंदोलन 
दुआ करो उनकी जो दुश्मन मार गिराएंगे

और तब सब ठीक हो जाएगा, 
खेल खत्म हो जाएगा 
शुक्र मनाओ हमारा रास्ता नरक होकर के जाता है
सम्मान हमे इस पत्र के पढते ही मिल जाता है

#राजेश_कुमार_विश्वकर्मा

©#maxicandragon मेरे सभी देशवासियों, 
जो,आज भी कोई न कोई आंदोलन में है,  
आप सबका धन्यवाद 
हम आपके रक्षक है, और आपके सर्वोच्च रक्षक 
न भूलना ये बात 

आवाज आपकी तेज और भीषण है, किंतु आप अपने लिए लडते हो?
पर तुम्हारे साथ कोई खडा क्यो नहीं?